परिचय
गॉल ब्लैडर स्टोन यानी पित्ताशय की पथरी एक आम समस्या है, जो पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और असहजता का कारण बनती है। इस स्थिति में सर्जरी करना अक्सर सबसे प्रभावी समाधान होता है। लेकिन एक सवाल जो कई मरीज पूछते हैं: “क्या सर्जरी के बाद जीवन सामान्य रहता है?” आइए जबलपुर के विशेषज्ञ डॉ. दिगंत पाठक, जो सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में विशेषज्ञता रखते हैं, से समझते हैं कि सर्जरी क्यों आवश्यक है और इसके बाद जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
गॉल ब्लैडर स्टोन क्या है?
गॉल ब्लैडर स्टोन ठोस कण होते हैं, जो गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) में बनने लगते हैं। ये पथरी कोलेस्ट्रॉल, बाइल सॉल्ट्स, और अन्य पदार्थों के असंतुलन से बनती हैं। ये विभिन्न आकार-प्रकार की हो सकती हैं, छोटी रेत के दाने से लेकर बड़े पत्थर जितनी।
गॉल ब्लैडर स्टोन के प्रकार
- कोलेस्ट्रॉल स्टोन: इनमें मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल होता है।
- पिगमेंट स्टोन: ये छोटे और काले रंग के होते हैं, जो बिलीरुबिन की अधिकता से बनते हैं।
गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण
गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट हो सकते हैं, जैसे:
- पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द (खासकर भोजन के बाद)।
- मिचली या उल्टी।
- अपच और पेट फूलना।
- पीली त्वचा (जॉन्डिस)।
अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह जटिलताएं पैदा कर सकता है, जैसे पित्ताशय का संक्रमण या पित्त नलिकाओं का अवरोध।
गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण और जोखिम कारक
गॉल ब्लैडर स्टोन बनने के कई कारण हो सकते हैं:
- वसा और कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का अधिक सेवन।
- मोटापा।
- गर्भावस्था।
- आनुवांशिक प्रभाव।
- उम्र (40 वर्ष से अधिक)।
डॉ. दिगंत पाठक, जो इस क्षेत्र में 20+ वर्षों का अनुभव रखते हैं, बताते हैं कि इन कारकों से गॉल ब्लैडर स्टोन का खतरा बढ़ सकता है।
गॉल ब्लैडर स्टोन का निदान और जटिलताएं
गॉल ब्लैडर स्टोन का पता अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या ईआरसीपी जैसे उन्नत तरीकों से लगाया जा सकता है।
संभावित जटिलताएं
- पित्ताशय का संक्रमण: यह स्थिति गंभीर हो सकती है और त्वरित सर्जरी की आवश्यकता होती है।
- पैंक्रियाटाइटिस: पित्ताशय की पथरी से पैंक्रियाज में सूजन आ सकती है।
- पित्त नलिकाओं का अवरोध: जिससे यकृत और अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं।
गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज
गैर-सर्जिकल उपाय
गॉल ब्लैडर स्टोन के लिए दवाएं या घरेलू उपचार प्रभावी नहीं हैं। ये उपाय केवल अस्थायी राहत देते हैं और समस्या को जड़ से खत्म नहीं करते।
सर्जरी ही स्थायी समाधान
गॉल ब्लैडर स्टोन का स्थायी इलाज सिर्फ सर्जरी है।
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: यह अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें छोटे चीरे लगाए जाते हैं। मरीज को दर्द कम होता है और वह 24-48 घंटों में अस्पताल से छुट्टी पा सकते हैं।
- ओपन सर्जरी: यदि जटिल मामले हों, तो यह विकल्प अपनाया जाता है।
डॉ. दिगंत पाठक, जो जबलपुर में सबसे अनुभवी और योग्य सर्जन हैं, इस प्रक्रिया को कुशलतापूर्वक पूरा करते हैं। उन्होंने 12,000+ मरीजों का सफल इलाज किया है।
डिस्क्लेमर: अगर मरीज को कोई जटिलता नहीं होती है, तो लैप्रोस्कोपिक सर्जरी जल्दी और सुरक्षित होती है। लेकिन जटिल मामलों में इलाज का समय अधिक हो सकता है।
सर्जरी के बाद जीवन
सर्जरी के बाद ज्यादातर मरीज एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
- सर्जरी के बाद शुरुआती कुछ दिनों तक हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है।
- नियमित शारीरिक गतिविधियां जल्द शुरू की जा सकती हैं।
- डॉ. पाठक बताते हैं कि अगर मरीज सर्जरी के बाद डॉक्टर की सलाह मानते हैं, तो उन्हें कोई दीर्घकालिक समस्या नहीं होती।
विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. दिगंत पाठक का कहना है, “गॉल ब्लैडर स्टोन को नजरअंदाज करना गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। मरीज को अनावश्यक देरी किए बिना विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।”
निष्कर्ष
गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज सर्जरी से ही संभव है। सही समय पर सही इलाज से न केवल जटिलताओं से बचा जा सकता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें
अगर आप गॉल ब्लैडर स्टोन से पीड़ित हैं, तो तुरंत संपर्क करें:
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पता: केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, उखरी चौराहा, जबलपुर।