परिचय
हर्निया का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में दर्द और जटिल सर्जरी की छवि उभरती है। यह धारणा कई बार मिथकों पर आधारित होती है, जो सच्चाई से कोसों दूर है। हर्निया एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन इसका इलाज आधुनिक चिकित्सा तकनीकों के साथ न केवल सुरक्षित है, बल्कि तेज़ और प्रभावी भी है।
आज, हम हर्निया सर्जरी से जुड़े मिथकों और उनके पीछे की सच्चाई पर चर्चा करेंगे। साथ ही, जबलपुर के विशेषज्ञ डॉ. दिगंत पाठक, जो इस क्षेत्र में 20+ वर्षों का अनुभव रखते हैं, की सलाह साझा करेंगे।
हर्निया सर्जरी और दर्द से जुड़े मिथक
मिथक 1: सर्जरी बेहद दर्दनाक होती है
वास्तविकता:
आधुनिक चिकित्सा तकनीकों, विशेष रूप से लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, ने हर्निया उपचार को लगभग दर्द रहित बना दिया है। इसमें केवल छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे शरीर को कम नुकसान होता है और दर्द भी कम महसूस होता है।
डॉ. दिगंत पाठक, जिन्होंने 12,000+ मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है, बताते हैं कि “लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में मरीज 24-48 घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी पा लेते हैं। दर्द न्यूनतम होता है और सामान्य गतिविधियों में जल्दी लौटना संभव है।”
मिथक 2: सर्जरी के बाद लंबे समय तक बिस्तर पर रहना पड़ता है
वास्तविकता:
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद रिकवरी बहुत तेज़ होती है। सामान्यत: मरीज एक या दो दिन में घर जा सकते हैं। जटिल मामलों में समय अधिक लग सकता है, लेकिन अधिकांश मरीज 1-2 हफ्ते में अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट आते हैं।
डॉ. पाठक बताते हैं, “जिन मरीजों को सर्जरी से पहले बहुत दर्द था, वे अक्सर सर्जरी के तुरंत बाद बेहतर महसूस करते हैं और कुछ ही दिनों में अपनी दिनचर्या शुरू कर देते हैं।”
मिथक 3: सर्जरी खतरनाक होती है
वास्तविकता:
आज की आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता के साथ, हर्निया सर्जरी एक सुरक्षित प्रक्रिया है।
डॉ. दिगंत पाठक जैसे अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में यह और भी अधिक सुरक्षित हो जाती है। उनके पास यूरोपियन हर्निया सोसाइटी और एशिया पैसिफिक हर्निया सोसाइटी जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की सदस्यता है, जो उनकी विशेषज्ञता को और भी प्रमाणित करता है।
हर्निया का इलाज: सिर्फ सर्जरी ही है स्थायी समाधान
हर्निया का इलाज सिर्फ दवाइयों या घरेलू उपायों से संभव नहीं है। हालांकि, कुछ लोग बेल्ट या योग से राहत पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह केवल अस्थायी समाधान प्रदान करते हैं।
डॉ. दिगंत पाठक कहते हैं, “हर्निया का एकमात्र स्थायी समाधान सर्जरी है। देरी करने से जटिलताएं बढ़ सकती हैं, जैसे स्ट्रैंगुलेशन (रक्त प्रवाह रुकना) या आंतों का अवरोध।”
डॉ. दिगंत पाठक: जबलपुर के सबसे अनुभवी हर्निया विशेषज्ञ
डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर के केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में, हर्निया का उन्नत उपचार प्रदान करते हैं।
- 20+ वर्षों का अनुभव और 12,000+ मरीजों का सफल इलाज।
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में विशेषज्ञता।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सदस्य।
डॉ. पाठक के मार्गदर्शन में की गई सर्जरी न केवल सुरक्षित है, बल्कि जटिल मामलों में भी उच्च सफलता दर सुनिश्चित करती है।
हर्निया सर्जरी में क्यों चुनें लैप्रोस्कोपिक तकनीक?
- छोटे चीरे: इससे निशान कम होते हैं।
- तेज़ रिकवरी: 24-48 घंटे में डिस्चार्ज।
- दर्द कम: पारंपरिक सर्जरी की तुलना में बहुत कम दर्द।
- उच्च सफलता दर: अनुभवी डॉक्टर द्वारा की गई सर्जरी से बेहतर परिणाम।
संपर्क करें और सही जानकारी पाएं
हर्निया के इलाज में देरी न करें। विशेषज्ञ की सलाह और उपचार से आप अपनी समस्या को स्थायी रूप से हल कर सकते हैं।
डॉ. दिगंत पाठक से संपर्क करें:
📞 9880178980
✉️ digantpathak@yahoo.com
निष्कर्ष
हर्निया सर्जरी से जुड़े मिथकों को समझना और सही जानकारी पाना बेहद जरूरी है। जबलपुर में डॉ. दिगंत पाठक जैसे विशेषज्ञ की देखरेख में आपका इलाज न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि जल्दी ठीक होने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
अगर आप या आपके परिजन हर्निया की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आज ही विशेषज्ञ से संपर्क करें और अपने जीवन को बेहतर बनाएं।
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