परिचय
पित्ताशय की पथरी (Gallstones) एक सामान्य लेकिन कई बार खतरनाक स्थिति हो सकती है। इस पथरी के चलते पित्ताशय में लंबे समय तक सूजन और संक्रमण हो सकता है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। लेकिन क्या हर पथरी के मामले में ऐसा जोखिम होता है? यह सवाल बेहद अहम है।
इस लेख में, जबलपुर के जाने-माने लैप्रोस्कोपिक और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. दिगंत पाठक की विशेषज्ञता के आधार पर हम जानेंगे कि पित्ताशय की पथरी और कैंसर के बीच क्या संबंध है, और समय पर सर्जरी से इसे कैसे रोका जा सकता है।
पित्ताशय की पथरी और कैंसर के बीच संबंध
पित्ताशय की पथरी से कैंसर का खतरा तब बढ़ता है, जब:
- पथरी लंबे समय तक मौजूद हो: पुराने मामलों में पित्ताशय में लगातार सूजन बनी रहती है, जिसे क्रॉनिक कोलेसिस्टाइटिस कहते हैं। यह कैंसर का एक बड़ा कारण बन सकता है।
- बड़ी पथरी हो: शोध बताते हैं कि 3 सेंटीमीटर से बड़ी पथरी कैंसर का जोखिम बढ़ाती है।
- पित्त नली में रुकावट हो: लंबे समय तक पित्त का सही प्रवाह न होने से कोशिकाओं में असामान्य बदलाव आ सकते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
डॉ. पाठक का कहना है कि हर पथरी खतरनाक नहीं होती, लेकिन समय पर इलाज न कराने से कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
लक्षण और संकेत जो आपको सतर्क करते हैं
पित्ताशय की पथरी और उससे जुड़े कैंसर के लक्षण समान हो सकते हैं। अगर नीचे दिए गए लक्षण लगातार हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- पेट के दाईं ओर या बीच में लगातार दर्द
- पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
- वजन कम होना
- भूख न लगना
- बुखार और ठंड लगना
- उल्टी और जी मिचलाना
इन लक्षणों को अनदेखा करना आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
निदान और जांच
कैंसर के खतरे का पता लगाने के लिए सही निदान जरूरी है। डॉ. दिगंत पाठक द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आधुनिक तकनीकों में शामिल हैं:
- अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन: पथरी के आकार और स्थिति का पता लगाने के लिए।
- एमआरसीपी (MRCP): पित्त नली और पथरी से संबंधित जटिलताओं को समझने के लिए।
- बायोप्सी: अगर कैंसर की संभावना हो, तो कोशिकाओं का परीक्षण।
डॉ. पाठक का मानना है कि शुरुआती चरण में निदान से मरीज को जटिलताओं और कैंसर से बचाया जा सकता है।
उपचार: सर्जरी ही समाधान क्यों?
पित्ताशय की पथरी के लिए केवल सर्जरी ही स्थायी समाधान है। कई मरीज घरेलू उपाय या दवाइयों से राहत की कोशिश करते हैं, लेकिन ये केवल अस्थायी होते हैं।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: आधुनिक और प्रभावी
डॉ. पाठक द्वारा की जाने वाली लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे:
- छोटे चीरे, कम दर्द
- 24-48 घंटे में अस्पताल से छुट्टी (जटिल मामलों को छोड़कर)
- संक्रमण और अन्य जोखिम कम
उनका कहना है, “पित्ताशय को हटाने से न केवल पथरी की समस्या का अंत होता है, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों से बचाव भी होता है।”
डिस्क्लेमर: अगर पथरी की स्थिति जटिल है या मरीज में अन्य बीमारियां हैं, तो सर्जरी का समय और रिकवरी लंबी हो सकती है।
विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. पाठक के अनुसार, पित्ताशय की पथरी को लंबे समय तक टालना गंभीर जटिलताओं को न्योता देना है। उन्होंने 20 से अधिक वर्षों के अनुभव और 12,000 से अधिक सफल सर्जरी के माध्यम से यह साबित किया है कि समय पर सर्जरी से मरीज न केवल स्वस्थ रहते हैं, बल्कि जटिलताओं से भी बचते हैं।
निष्कर्ष
पित्ताशय की पथरी कैंसर का कारण बन सकती है, लेकिन समय पर निदान और सर्जरी से इस जोखिम को पूरी तरह टाला जा सकता है।
अगर आप या आपके किसी परिचित को पित्ताशय की पथरी की समस्या है, तो देरी न करें। डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर के विशेषज्ञ, से परामर्श लें और सर्जरी के सुरक्षित और आधुनिक विकल्पों का लाभ उठाएं।
संपर्क करें
डॉ. दिगंत पाठक से अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: 9880178980
ईमेल: digantpathak@yahoo.com
केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, उखरी चौराहा, जबलपुर।