परिचय
हर्निया की समस्या एक बार ठीक होने के बाद भी दोबारा हो सकती है, खासकर तब, जब सावधानियां न बरती जाएं। यह ब्लॉग आपको यह समझने में मदद करेगा कि हर्निया का ऑपरेशन क्यों जरूरी है, इसके दोबारा होने के कारण क्या हैं, और इससे बचने के उपाय क्या हो सकते हैं।
डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर के एक अनुभवी सर्जन हैं, जो 20 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ 12,000+ मरीजों का सफल इलाज कर चुके हैं। वे यूरोपियन और एशिया पैसिफिक हर्निया सोसाइटी के सदस्य हैं और जबलपुर में उन्नत लैप्रोस्कोपिक और ओपन सर्जरी करते हैं।
हर्निया क्या होता है?
हर्निया तब होता है जब शरीर के अंदरूनी अंग कमजोर मांसपेशियों के जरिए बाहर निकल आते हैं। यह आमतौर पर पेट, कमर, या नाभि के पास होता है।
मुख्य हर्निया प्रकार:
- इंग्वाइनल हर्निया: कमर के पास
- उम्बिलिकल हर्निया: नाभि के पास
- हायटस हर्निया: पेट के ऊपरी हिस्से में
- इंसीजनल हर्निया: पहले के ऑपरेशन के स्थान पर
ऑपरेशन के बाद हर्निया दोबारा क्यों हो सकता है?
हर्निया का सफल ऑपरेशन के बाद भी कुछ कारणों से यह दोबारा हो सकता है, जैसे:
- सर्जरी के बाद सही देखभाल न होना: ऑपरेशन के बाद भारी वजन उठाने या अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण।
- कमजोर मांसपेशियां: ऑपरेशन के बाद भी मांसपेशियां पूरी तरह मजबूत न हो पाएं।
- मोटापा: वजन अधिक होने से पेट पर दबाव बढ़ता है।
- पुरानी खांसी या छींक: जिससे पेट की मांसपेशियों पर तनाव पड़ता है।
डॉ. दिगंत पाठक का कहना है, “अगर मरीज ऑपरेशन के बाद डॉक्टर की सलाह का पालन करें और जीवनशैली में सुधार करें, तो हर्निया के दोबारा होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।”
हर्निया से बचने के उपाय
ऑपरेशन के बाद हर्निया के दोबारा होने से बचने के लिए कुछ खास सावधानियां बरतनी चाहिए:
- वजन नियंत्रित रखें: नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से।
- भारी वजन न उठाएं: ऑपरेशन के बाद कम से कम 6 महीने तक।
- पाचन तंत्र का ध्यान रखें: कब्ज न होने दें और अधिक पानी पिएं।
- सही पोषण लें: प्रोटीन और विटामिन युक्त भोजन से मांसपेशियों को मजबूत बनाएं।
- डॉक्टर की सलाह का पालन करें: नियमित चेकअप और दवाओं का सही उपयोग करें।
ऑपरेशन का महत्व और प्रक्रिया
हर्निया का इलाज केवल ऑपरेशन से ही पूरी तरह संभव है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के जरिए छोटे चीरे लगाकर हर्निया को ठीक किया जाता है।
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: कम दर्द, तेज रिकवरी, और 24-48 घंटे में छुट्टी।
- ओपन सर्जरी: जटिल मामलों में इस्तेमाल।
डॉ. दिगंत पाठक की लैप्रोस्कोपिक सर्जरी विशेषज्ञता से मरीज जल्दी स्वस्थ होते हैं।
डिस्क्लेमर: यदि कोई जटिलताएं न हों, तो लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीज 24-48 घंटे में घर जा सकता है। हालांकि, जटिल मामलों में समय अधिक लग सकता है।
निष्कर्ष
हर्निया का ऑपरेशन केवल समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि भविष्य में इसे रोकने का भी एक तरीका है। सही देखभाल और डॉक्टर की सलाह का पालन करने से हर्निया के दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
संपर्क करें
अगर आपको हर्निया की समस्या है, तो देर न करें। डॉ. दिगंत पाठक से संपर्क करें और अपने स्वास्थ्य के लिए सही कदम उठाएं।
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📧 ईमेल: digantpathak@yahoo.com
केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जबलपुर में आपको उन्नत और विशेषज्ञ देखभाल मिलेगी।