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पाइल्स, जिसे आमतौर पर बवासीर के नाम से जाना जाता है, गुदा और मलाशय में सूजन वाली नसों की समस्या है। यह समस्या बच्चों में दुर्लभ है, लेकिन जब होती है तो यह बच्चे और उसके माता-पिता दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
बच्चों में पाइल्स को अक्सर पहचानने में देरी होती है क्योंकि माता-पिता इसे सामान्य कब्ज या आहार की समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन यह स्थिति गंभीर हो सकती है यदि समय पर उचित उपचार न किया जाए।
बच्चों में पाइल्स के पीछे के वैज्ञानिक कारण
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पाइल्स का मुख्य कारण गुदा क्षेत्र में रक्त प्रवाह का बाधित होना है। बच्चों में यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
- कब्ज (Constipation):
बच्चों में अक्सर आहार में फाइबर की कमी होती है, जिससे कब्ज होता है। बार-बार मल त्याग के लिए जोर लगाने से गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे पाइल्स विकसित हो सकता है। - दस्त (Diarrhea):
लंबे समय तक दस्त के कारण गुदा क्षेत्र पर निरंतर दबाव पड़ता है, जिससे सूजन और जलन हो सकती है। - गलत मल त्याग की आदतें:
मल त्याग के समय लंबे समय तक बैठना या जोर लगाना भी पाइल्स के जोखिम को बढ़ा सकता है। - आनुवांशिक प्रवृत्ति (Genetic Predisposition):
अगर परिवार में किसी को पाइल्स की समस्या रही हो, तो बच्चों में इसका जोखिम बढ़ जाता है।
पाइल्स के प्रकार
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बच्चों में पाइल्स के निम्नलिखित प्रकार हो सकते हैं:
- आंतरिक पाइल्स (Internal Hemorrhoids):
यह मलाशय के अंदर विकसित होता है और आमतौर पर बिना दर्द के खून आने का कारण बनता है। - बाहरी पाइल्स (External Hemorrhoids):
यह गुदा के आसपास होता है और दर्द, जलन और खुजली का कारण बन सकता है। - मिश्रित पाइल्स (Mixed Hemorrhoids):
इसमें आंतरिक और बाहरी पाइल्स दोनों के लक्षण होते हैं।
बच्चों में पाइल्स की जटिलताएं
पाइल्स का समय पर इलाज न करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
- गुदा फटने की समस्या (Anal Fissures)
- खून की कमी (Anemia)
- संक्रमण और फोड़े
- गुदा में गांठ या थक्का बनना
बच्चों के लिए पाइल्स का सही इलाज
डॉ. दिगंत पाठक, जो बच्चों में पाइल्स के इलाज के विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि पाइल्स का इलाज इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है।
1. गैर-सर्जिकल उपाय:
- फाइबर युक्त आहार: आहार में फाइबर शामिल करने से कब्ज को कम किया जा सकता है।
- पानी का सेवन बढ़ाना: पर्याप्त पानी पीने से मल नरम होता है।
- स्थानीय मलहम और दवाइयां: सूजन और जलन को कम करने के लिए।
2. सर्जिकल उपाय:
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जब गैर-सर्जिकल उपाय प्रभावी नहीं होते, तो सर्जरी आवश्यक हो जाती है।
लेज़र सर्जरी में उच्च-तीव्रता वाली लेज़र किरणों का उपयोग करके प्रभावित क्षेत्र का इलाज किया जाता है। यह तकनीक गुदा की सूजन वाली नसों को ठीक करने के लिए गर्मी का उपयोग करती है। इसके माध्यम से बिना टांके लगाए और बड़े चीरे के बिना पाइल्स का उपचार किया जाता है।
बच्चों में लेज़र सर्जरी कब जरूरी होती है?
- जब पाइल्स की समस्या लगातार बनी रहती है।
- जब पाइल्स का आकार बड़ा हो और दर्द का कारण बन रहा हो।
- जब खून का बहाव बंद न हो।
- जब दवाइयां और घरेलू उपचार से कोई फायदा न हो।
माता-पिता के लिए सुझाव
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- बच्चों को फाइबर युक्त आहार दें, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज।
- उन्हें पर्याप्त पानी पीने की आदत डालें।
- मल त्याग के दौरान बच्चों को जोर न लगाने दें।
- शुरुआती लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
निष्कर्ष
लेज़र सर्जरी बच्चों में पाइल्स के लिए सबसे आधुनिक और प्रभावी इलाज है। यह दर्द और जोखिम को कम करता है और बच्चों को जल्दी स्वस्थ होने में मदद करता है।
यदि आपके बच्चे को पाइल्स की समस्या है, तो इसे नजरअंदाज न करें। विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श लें और लेज़र सर्जरी के फायदों का लाभ उठाएं।
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अगर आपके बच्चे को पाइल्स की समस्या है, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेने में देरी न करें।
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