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क्या हर्निया के इलाज में आयुर्वेदिक उपचार सहायक हो सकते हैं? जबलपुर में विशेषज्ञ की राय

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परिचय

हर्निया एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो पेट या शरीर के अन्य हिस्सों में उभार के रूप में प्रकट होती है। यह समस्या तब होती है जब शरीर की कमजोर मांसपेशियों से अंग या फैट का हिस्सा बाहर आ जाता है। हर्निया के इलाज के लिए कई प्रकार की सलाह दी जाती हैं, जिनमें आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय भी शामिल हैं। लेकिन क्या ये वास्तव में प्रभावी हैं? इस ब्लॉग में जबलपुर के अनुभवी हर्निया विशेषज्ञ डॉ. दिगंत पाठक की राय के माध्यम से जानेंगे कि आयुर्वेदिक उपचार कितने सहायक हो सकते हैं और हर्निया के स्थायी समाधान के लिए क्या करना चाहिए।


हर्निया क्या होता है?

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हर्निया तब होता है जब पेट के अंदरूनी अंग या ऊतक कमजोर मांसपेशियों के जरिए बाहर आ जाते हैं। यह निम्नलिखित प्रकार का हो सकता है:

  • इंग्वाइनल हर्निया (कमर में)
  • उम्बिलिकल हर्निया (नाभि के पास)
  • हायटस हर्निया (पेट के ऊपरी हिस्से में)
  • फेमोरल हर्निया (जांघ के पास)

डॉ. दिगंत पाठक बताते हैं कि सही समय पर निदान और इलाज न करने पर हर्निया के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।


आयुर्वेदिक उपचार: क्या ये सहायक हैं?

आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार अक्सर हर्निया के हल्के लक्षणों के लिए सुझाए जाते हैं। इनमें विशेष आहार, जड़ी-बूटियां और योग शामिल होते हैं। हालांकि, इन उपचारों से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन ये हर्निया का स्थायी समाधान नहीं हैं।

वैज्ञानिक तथ्य

हर्निया एक संरचनात्मक समस्या है, जिसे केवल सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपाय सिर्फ लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन वे मांसपेशियों के कमजोर हिस्से को ठीक नहीं कर सकते।

विशेषज्ञ की राय

डॉ. पाठक, जो यूरोपियन हर्निया सोसाइटी और एशिया पैसिफिक हर्निया सोसाइटी के सदस्य हैं, बताते हैं, “हर्निया का इलाज केवल सर्जरी के माध्यम से संभव है। आयुर्वेदिक या अन्य उपायों से स्थायी लाभ की उम्मीद करना सही नहीं है।”


हर्निया के इलाज में सर्जरी का महत्व

सर्जरी हर्निया के इलाज का एकमात्र स्थायी और प्रभावी तरीका है। इसके मुख्य प्रकार हैं:

  1. ओपन सर्जरी: पारंपरिक विधि, जिसमें बड़ा चीरा लगाया जाता है।
  2. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: आधुनिक तकनीक जिसमें छोटे चीरे के माध्यम से सर्जरी की जाती है।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे

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  • कम दर्द और तेजी से रिकवरी
  • अस्पताल से 24-48 घंटे में डिस्चार्ज
  • न्यूनतम जटिलताएं

डॉ. दिगंत पाठक, जो जबलपुर में एकमात्र सर्जन हैं जो उन्नत लैप्रोस्कोपिक और ओपन सर्जरी दोनों करते हैं, कहते हैं, “लैप्रोस्कोपिक सर्जरी आज के समय में सबसे सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है।”


हर्निया का इलाज समय पर क्यों जरूरी है?

यदि हर्निया का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे:

  • स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया: जिसमें अंग में रक्त प्रवाह रुक जाता है।
  • आंतों का अवरोध: जिससे पाचन संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

डॉ. पाठक के अनुसार, “देरी करने से न केवल समस्या बढ़ सकती है, बल्कि सर्जरी भी जटिल हो सकती है। इसलिए, सही समय पर इलाज करवाना जरूरी है।”


जबलपुर में विशेषज्ञ के पास क्यों जाएं?

डॉ. दिगंत पाठक ने 20 वर्षों में 12,000+ मरीजों का सफल इलाज किया है। उनकी विशेषज्ञता और उन्नत तकनीक के कारण, मरीजों को बेहतर परिणाम मिलते हैं।

  • संपर्क करें: 9880178980
  • पता: केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, उखरी चौराहा, जबलपुर

निष्कर्ष

हर्निया का इलाज केवल सर्जरी से संभव है। आयुर्वेदिक उपाय लक्षणों में थोड़ी राहत दे सकते हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं हैं। विशेषज्ञ की सलाह लें और सही समय पर सर्जरी करवाएं।

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About Dr. Digant Pathak

Dr. Digant Pathak

डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर अस्पताल, रसल चौक के लैप्रोस्कोपिक और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं। डॉ दिगंत पाठक को 20 वर्षो से अधिक का सर्जिकल अनुभव है एवं वे 10,000 से अधिक सर्जरी सफलपूर्वक कर चुके है जिस में जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित और गणमान्य नागरिक शामिल हैं। वे शहर के एकमात्र सर्जन हैं जो उच्च स्तरीय लैप्रोस्कोपिक और पारंपरिक ओपन सर्जरी दोनों को सफलतापूर्वक करते हैं।

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