हर्निया एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जिसमें शरीर के अंदरूनी अंग अपने स्थान से बाहर निकल आते हैं। यह समस्या अक्सर पेट के क्षेत्र में होती है। इस ब्लॉग में हम हर्निया के लक्षणों के बारे में जानेंगे।
हर्निया के लक्षण
हर्निया के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- सूजन या उभार:
- पेट या ग्रोइन (जांघ) क्षेत्र में सूजन या उभार महसूस होना।
- यह उभार लेटने पर गायब हो सकता है और खड़े होने या खांसने पर बढ़ सकता है।
- दर्द या असहजता:
- विशेष रूप से भारी वजन उठाने, झुकने या खांसने पर दर्द होना।
- दर्द हल्का से गंभीर हो सकता है।
- भारीपन या जलन का एहसास:
- प्रभावित क्षेत्र में भारीपन या जलन महसूस होना।
- पेट में खिंचाव का एहसास।
- कमजोरी या दबाव:
- पेट, जांघ, या ग्रोइन क्षेत्र में कमजोरी या दबाव का अनुभव।
- खांसी या पेशाब में समस्या:
- बार-बार खांसी या पेशाब में कठिनाई।
हर्निया का इलाज
हर्निया का स्थायी इलाज केवल सर्जरी द्वारा संभव है। इसमें मुख्यतः दो प्रकार की सर्जरी होती हैं:
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी:
- यह एक आधुनिक और प्रभावी विधि है, जिसमें छोटे छेद के माध्यम से ऑपरेशन किया जाता है।
- इसमें रिकवरी जल्दी होती है और निशान भी छोटे होते हैं।
- दर्द कम होता है और मरीज जल्द ही सामान्य जीवन में वापस आ सकता है।
- ओपन सर्जरी:
- इसमें बड़ा चीरा लगाया जाता है और हर्निया को ठीक किया जाता है।
- इस सर्जरी में रिकवरी समय अधिक होता है और निशान बड़े होते हैं।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे
- छोटे चीरे से सर्जरी
- कम दर्द और तकलीफ
- जल्दी रिकवरी
- छोटे निशान
- अस्पताल में कम समय बिताना
- दोबारा हर्निया होने की सम्भावना कम