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क्या हर्निया जानलेवा होता है?

हर्निया एक सामान्य समस्या है, लेकिन कई लोग इस बारे में चिंतित रहते हैं कि क्या हर्निया जानलेवा हो सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि हर्निया कितनी खतरनाक हो सकती है और इसका सही उपचार क्या है।

हर्निया क्या होता है?

हर्निया तब होता है जब कोई आंतरिक अंग अपने स्थान से बाहर निकल आता है। यह आमतौर पर पेट के क्षेत्र में होता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है।

क्या हर्निया जानलेवा हो सकता है?

साधारण हर्निया जानलेवा नहीं होता, लेकिन अगर इसे अनदेखा किया जाए और सही समय पर इलाज न कराया जाए तो यह गंभीर जटिलताएँ पैदा कर सकता है

  • संवरण (Strangulation): जब हर्निया में फँसे हुए आँतों के हिस्से का खून का दौरा रुक जाता है तो आँतें सड़ सकती है और यह जानलेवा हो सकता है

हर्निया का इलाज

हर्निया का स्थायी इलाज सर्जरी द्वारा ही संभव है। इसमें मुख्यतः दो प्रकार की सर्जरी होती हैं:

  1. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी:
    • यह एक आधुनिक और प्रभावी विधि है, जिसमें छोटे छेद के माध्यम से ऑपरेशन किया जाता है।
    • इसमें रिकवरी जल्दी होती है और निशान भी छोटे होते हैं।
    • दर्द कम होता है और मरीज जल्द ही सामान्य जीवन में वापस आ सकता है।
  2. ओपन सर्जरी:
    • इसमें बड़ा चीरा लगाया जाता है और हर्निया को ठीक किया जाता है।
    • इस सर्जरी में रिकवरी समय अधिक होता है और निशान बड़े होते हैं।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे

  • छोटे चीरे से सर्जरी
  • कम दर्द और तकलीफ
  • जल्दी रिकवरी
  • छोटे निशान
  • अस्पताल में कम समय बिताना
  • दोबारा हर्निया होने की सम्भावना कम

About Dr. Digant Pathak

Dr. Digant Pathak

डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर अस्पताल, रसल चौक के लैप्रोस्कोपिक और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं। डॉ दिगंत पाठक को 20 वर्षो से अधिक का सर्जिकल अनुभव है एवं वे 10,000 से अधिक सर्जरी सफलपूर्वक कर चुके है जिस में जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित और गणमान्य नागरिक शामिल हैं। वे शहर के एकमात्र सर्जन हैं जो उच्च स्तरीय लैप्रोस्कोपिक और पारंपरिक ओपन सर्जरी दोनों को सफलतापूर्वक करते हैं।

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