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जबलपुर में गॉल ब्लैडर स्टोन सर्जरी के बाद कब काम पर वापस लौट सकते हैं?

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परिचय

गॉल ब्लैडर स्टोन, जिसे पित्ताशय की पथरी भी कहा जाता है, एक आम समस्या है, लेकिन इसका सही समय पर इलाज आवश्यक है। जब गॉल ब्लैडर स्टोन की सर्जरी की बात आती है, तो मरीज अक्सर पूछते हैं, “सर्जरी के बाद मैं कब काम पर लौट सकता हूं?” यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में जल्दी लौटना चाहता है। इस ब्लॉग में, हम इस सवाल का जवाब देने के साथ सर्जरी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी देंगे।

गॉल ब्लैडर स्टोन क्या होता है?

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गॉल ब्लैडर स्टोन ठोस कण होते हैं जो पित्ताशय में बनते हैं। यह पित्त नामक द्रव्य के असंतुलन से बनते हैं। इनके प्रकार निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. कोलेस्ट्रॉल स्टोन: यह सबसे आम प्रकार के होते हैं।
  2. पिगमेंट स्टोन: ये पित्त में बिलीरुबिन की अधिकता के कारण बनते हैं।

गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण

गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण हर मरीज में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इनमें शामिल हैं:

  • पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में तेज दर्द
  • मतली और उल्टी
  • अपच और पेट फूलने की समस्या
  • बुखार और त्वचा का पीलापन (जटिल मामलों में)

इन लक्षणों को नजरअंदाज करना जटिलताएँ बढ़ा सकता है, जैसे कि पित्ताशय में सूजन या पित्त नली में अवरोध।

गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज

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गॉल ब्लैडर स्टोन का स्थायी इलाज केवल सर्जरी है। दवाओं या घरेलू उपचारों से इसका समाधान संभव नहीं है। सर्जरी के दो प्रमुख प्रकार हैं:

  1. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: यह आधुनिक तकनीक है जिसमें छोटे चीरे लगते हैं, और मरीज को 24-48 घंटे में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
  2. ओपन सर्जरी: जटिल मामलों में उपयोग की जाने वाली पारंपरिक विधि।

डॉ. दिगंत पाठक, जो जबलपुर में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के विशेषज्ञ हैं, गॉल ब्लैडर स्टोन के इलाज में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी को प्राथमिकता देते हैं। उनके 20 वर्षों के अनुभव और 12,000 से अधिक सफल सर्जरी इस बात का प्रमाण हैं कि उनके हाथों में मरीज सुरक्षित हैं।

सर्जरी के बाद कब काम पर लौट सकते हैं?

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लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद, अधिकांश मरीज 2-3 दिनों में सामान्य गतिविधियाँ शुरू कर सकते हैं। यदि आपका काम हल्का-फुल्का है, तो आप 1 सप्ताह के भीतर लौट सकते हैं। लेकिन भारी शारीरिक काम करने वाले लोगों को लगभग 2-3 सप्ताह का आराम करने की सलाह दी जाती है।

प्रमुख कारक जो समय को प्रभावित करते हैं:

  1. सर्जरी का प्रकार: लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से रिकवरी जल्दी होती है।
  2. स्वास्थ्य की स्थिति: आपकी उम्र और सामान्य स्वास्थ्य भी अहम भूमिका निभाते हैं।
  3. कोई जटिलता नहीं: अगर सर्जरी के दौरान या बाद में कोई जटिलता नहीं होती है, तो रिकवरी का समय कम होता है।

डॉ. पाठक बताते हैं, “लैप्रोस्कोपिक तकनीक से मरीज जल्दी ठीक होते हैं और उनकी सामान्य दिनचर्या जल्दी बहाल होती है। हालांकि, हर मरीज की स्थिति अलग होती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह का पालन करना आवश्यक है।”

सर्जरी के बाद ध्यान रखने योग्य बातें

  1. डाइट पर ध्यान दें: हल्का, कम तला-भुना और पौष्टिक भोजन लें।
  2. शारीरिक गतिविधि सीमित रखें: शुरुआत में भारी काम और व्यायाम से बचें।
  3. डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें: दवाइयों और फॉलो-अप अपॉइंटमेंट्स को न छोड़ें।

निष्कर्ष

गॉल ब्लैडर स्टोन सर्जरी के बाद काम पर लौटने का समय मरीज की स्थिति और सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से रिकवरी तेजी से होती है और मरीज को 24-48 घंटे में डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

विशेषज्ञ से संपर्क करें

डॉ. दिगंत पाठक से परामर्श के लिए, आप 9880178980 पर संपर्क कर सकते हैं या ईमेल कर सकते हैं: digantpathak@yahoo.com। उनकी विशेषज्ञता और अत्याधुनिक तकनीक से आपकी सर्जरी का अनुभव सुरक्षित और सफल होगा।

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About Dr. Digant Pathak

Dr. Digant Pathak

डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर अस्पताल, रसल चौक के लैप्रोस्कोपिक और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं। डॉ दिगंत पाठक को 20 वर्षो से अधिक का सर्जिकल अनुभव है एवं वे 10,000 से अधिक सर्जरी सफलपूर्वक कर चुके है जिस में जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित और गणमान्य नागरिक शामिल हैं। वे शहर के एकमात्र सर्जन हैं जो उच्च स्तरीय लैप्रोस्कोपिक और पारंपरिक ओपन सर्जरी दोनों को सफलतापूर्वक करते हैं।

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