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हर्निया के ऑपरेशन के बाद क्या सावधानियां जरूरी हैं

हर्निया के ऑपरेशन के बाद क्या सावधानियां जरूरी हैं

हर्निया के इलाज़ का एक मात्र तरीका है ऑपरेशन और ये ऑपरेशन बहुत आवश्यक है यदि आप हर्निया के जानलेवा कॉम्प्लीकेशन्स से बचना चाहते हैं तो।  जैसा की मेरे अन्य ब्लोग्स में मैंने उल्लेख किया है की हर्निया का पता लगते ही मरीज़ को ऑपरेशन के बारे में सोचना चाहिए और जैसे ही संभव हो यथा शीघ्र  ऑपरेशन के लिए हर्निया के विशेषज्ञ सर्जन से संपर्क करना चाहिए। सर्वोत्तम है की हम तुरंत ही ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाएँ। 

ऑपरेशन चीरा विधि द्वारा भी किया जा सकता है और दूरबीन विधि द्वारा भी किया जा सकता है जिस के बारे में आप के साथ आप के सर्जन डिटेल में डिसकस करते हैं और आप की सेहत और हर्निया की स्तिथि के हिसाब से आप के लिए बेस्ट ऑपरेशन चुना जाता है।

ऑपरेशन कोई भी हो सिर्फ ऑपरेशन करवा लेने से बात ख़तम नहीं होती। ऑपरेशन तो  इलाज़ का एक हिस्सा मात्र है ।

ऑपरेशन के बाद भी मरीज़ को काफी लम्बे समय तक डॉ के दिए हुए दिशा निर्देश का शब्दशः पालन करना चाहिए। यदि कोई भी मरीज़ दिए हुए सावधानियों को नज़र अंदाज़ करेगा तो उस के ऑपरेशन का रिजल्ट गड़बड़ हो सकता है।  यह बात दोनों विधि के ऑपरेशन पर लागू होती  है। 

आइये इस ब्लॉग के माध्यम से समझते हैं की किसी भी हर्निया के ऑपरेशन के बाद मरीज़ को क्या क्या सावधानियां रखना बहुत जरूरी है।

ऑपरेशन के तुरंत बाद :

ऑपरेशन के तुरंत बाद आप को ऑपरेशन रूम से आप के वार्ड में शिफ्ट किया जाता है।  वार्ड में हमारी सलाह रहती है की आप समय समय पर अपने पैरों को मोड़ें , दोनों तरफ करवट लें और अगर आप को स्पाइनल ( रीढ़ की हड्डी वाला ) अनेस्थेसिअ नहीं लगा है तो आप अपना सिरहाना कम से कम ४५ डिग्री पर ऊपर कर के रखें ।  आप चाहे तो बैठ भी सकते हैं।

फायदा: मरीज़ के शरीर को एक्टिव रखने में मदद  मिलती है और फेफड़ों के इन्फेक्शन तथा पैरों की वेइन्स में ब्लड क्लॉट जमने की संभावना भी कम हो जाती है।  यहां ये उल्लेखित करना जरूरी है की ये ब्लड क्लॉट यदि बन गया और ब्लड के साथ फेफड़ों में पहुँच गया तो जान लेवा कम्प्लीकेशन हो सकता है जिसे पल्मोनरी एम्बोलिस्म कहा जाता है। 

 मेरे ऑपरेशन के मरीज़ों को मैं आम तौर पर पेशाब की नली नहीं डालता हूँ इसलिए मरीज़ को ये निर्देश दिया जाता है की वो स्वयं उठ कर ( सहयोगी की सहायता से ) पेशाब करने जाए

फायदा: जल्दी उठना बैठना चालु हो जाता है, पेशाब के नली के कॉम्प्लीकेशन्स जैसे की पेशाब का इन्फेक्शन, पेशाब के रास्ते की चोट लगने से बचाव आदि बहुत इम्पोर्टेन्ट है।

ऑपरेशन के बाद जब आप अच्छे से होश में आ जाएँ तो डॉ के निर्देश पर आप बैठ कर पहले पानी पि सकते हैं फिर उस के बाद धीर धीरे कर के अन्य पेय पदार्थ जैसे की  नारियल पानी , दाल पानी, जूस आदि ले सकते हैं

फायदा:  Less Fasting Gives Early Recovery

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घर जाने के बाद :

अधिकतर केसेस में मरीज़ को अगले दिन ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है।  आज कल डॉ.  प्रयास करते हैं की मरीज़ जितने जल्दी हो सके अपने घर वापस चला जाए |

फ़ायद: खर्च में कमी, मानसिक रूप से मरीज़ को लगता है की वो बेहतर है इसलिए हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया है जिस से की मरीज़ की रिकवरी ज्यादा बेहतर होती है, क्रॉस इन्फेक्शन का रिस्क कम होता है। 

घर वापसी के बाद शुरू क्र कुछ दिनों तक  मरीज़ को ये बातें अवश्य धयान रखना चाहिए                        
  • ऑपरेशन के हिस्से को साफ़ रखना
  • समय समय पर गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करना और अपने आप को एक्टिव बनाये रखना
  • पेशाब और लैट्रिन में जोर नहीं लगाना
  • खांसी नहीं करना
  • सीढ़ी नहीं चढ़ना
  • नहाते समय ख़ास ध्यान रखना है की पानी की बाल्टी लगभग २० किलो की होती है इसलिए भूल कर भी इसे  खिसकाना या उठाना नहीं है

इस सम्बन्ध में आप अधिक जानकारी मेरे अन्य ब्लॉग : लाइफ आफ्टर हर्निया सर्जरी में पढ़ सकते हैं

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आम तौर पर मरीज़ को निम्नलिखित सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है:

  • वज़न नहीं उठाना
  • स्मोकिंग नहीं करना
  • डायबिटीज कण्ट्रोल करना
  • इन्फेक्शन से बचाव
  • लैट्रिन, पेशाब में ज़ोर नहीं लगाना
  • खांसी नहीं करना
  • मोटर साइकिल या स्कूटर में किक नहीं मारना , मैन स्टैंड में गाडी खड़ी नहीं  करना
  • जब लेटे हुए पोजीशन से उठना हो तो सीधे नहीं उठें , पहले साइड में करवट लें फिर उठ कर के बैठें
  • अगर आप को प्रोटीन लेने से डॉ ने मना नहीं किया हुआ है ( जैसे की गुर्दे /  किडनी के मरीज़) तो आप को हाई प्रोटीन डाइट लेना चाहिए
  • डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज , कम से कम ३०- ४५ मिनट्स जरूर घूमे ( brisk walk भी कर सकते हैं)
  • अगर आप का वजन बढ़ा हुआ है तो वजन कम करने के प्रयास तुरंत शुरू नहीं करने हैं क्यों की इस समय में आप के ऑपरेशन वाली जगह अपेक्षाकृत कमजोर होती है तो सिर्फ डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज, वाक ही आप करें कम से कम शुरू के १५-२० दिन तक जिस से की आप का वजन बढे तो नहीं कम से कम

ये सब सावधानियां बहुत ही जरूरी हैं आप की सर्जरी की सफलता के लिए।

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About Dr. Digant Pathak

Dr. Digant Pathak

डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर अस्पताल, रसल चौक के लैप्रोस्कोपिक और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं। डॉ दिगंत पाठक को 20 वर्षो से अधिक का सर्जिकल अनुभव है एवं वे 10,000 से अधिक सर्जरी सफलपूर्वक कर चुके है जिस में जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित और गणमान्य नागरिक शामिल हैं। वे शहर के एकमात्र सर्जन हैं जो उच्च स्तरीय लैप्रोस्कोपिक और पारंपरिक ओपन सर्जरी दोनों को सफलतापूर्वक करते हैं।

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