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गॉल ब्लैडर स्टोन के ऑपरेशन के दौरान क्या होगा? जबलपुर में विशेषज्ञ से जानें ऑपरेशन प्रक्रिया

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परिचय

गॉल ब्लैडर स्टोन एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। जब गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज दवाओं या अन्य उपायों से संभव नहीं होता, तो ऑपरेशन ही इसका सबसे प्रभावी समाधान बनता है।
जबलपुर में, डॉ. दिगंत पाठक जैसे अनुभवी सर्जन इस प्रक्रिया को सुरक्षित और सफलतापूर्वक पूरा करते हैं। उनके पास 20 से अधिक वर्षों का अनुभव और 12,000 से अधिक मरीजों के सफल इलाज का रिकॉर्ड है।

गॉल ब्लैडर स्टोन का ऑपरेशन क्यों आवश्यक है?

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गॉल ब्लैडर स्टोन पेट की पित्त थैली (गॉल ब्लैडर) में बनने वाले कठोर कण होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया में रुकावट डाल सकते हैं। यदि इसे समय पर नहीं हटाया गया, तो यह निम्नलिखित समस्याएं पैदा कर सकता है:

  • पेट में तेज दर्द
  • पाचन संबंधी समस्याएं
  • पित्त नलिका में संक्रमण
  • पैंक्रियाटाइटिस (अग्न्याशय की सूजन)

ऑपरेशन के माध्यम से इन जटिलताओं को रोकने का एकमात्र प्रभावी तरीका है।

ऑपरेशन के प्रकार

गॉल ब्लैडर स्टोन के इलाज के लिए आमतौर पर दो प्रकार की सर्जरी की जाती है:

1. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (मिनिमली इनवेसिव सर्जरी)

यह आधुनिक तकनीक छोटे चीरे के माध्यम से की जाती है। इसके लाभ इस प्रकार हैं:

  • कम दर्द
  • तेज रिकवरी
  • अस्पताल में कम समय
    डॉ. दिगंत पाठक जबलपुर में इस उन्नत तकनीक के विशेषज्ञ हैं और उनकी लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सफलता दर उच्चतम है।

2. ओपन सर्जरी

यदि मामला जटिल हो, तो पारंपरिक ओपन सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, यह विधि अब कम ही उपयोग की जाती है।

ऑपरेशन प्रक्रिया क्या होती है?

1. ऑपरेशन से पहले की तैयारी

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  • मरीज का संपूर्ण शारीरिक परीक्षण
  • आवश्यक ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड
  • मरीज को खाने-पीने पर कुछ घंटों का प्रतिबंध
    डॉ. दिगंत पाठक यह सुनिश्चित करते हैं कि मरीज को हर प्रक्रिया की स्पष्ट जानकारी दी जाए।

2. ऑपरेशन के दौरान

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लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में गॉल ब्लैडर को हटाने के लिए पेट में छोटे-छोटे चीरे लगाए जाते हैं। कैमरा और उपकरणों की मदद से पित्त थैली को सुरक्षित रूप से हटा दिया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर 30-60 मिनट का समय लगता है। हालांकि, जटिल मामलों में अधिक समय लग सकता है।

3. ऑपरेशन के बाद

  • मरीज को ऑपरेशन के बाद निगरानी में रखा जाता है।
  • बिना किसी जटिलता के, मरीज को 24-48 घंटों में छुट्टी दे दी जाती है।
  • डॉ. पाठक द्वारा सुझाई गई दवाएं और देखभाल के निर्देश मरीज को दिए जाते हैं।

ऑपरेशन के बाद की देखभाल

गॉल ब्लैडर हटाने के बाद मरीज को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • हल्का और संतुलित आहार लेना
  • भारी शारीरिक कार्यों से बचना
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए फॉलो-अप शेड्यूल का पालन करना
    डॉ. दिगंत पाठक ऑपरेशन के बाद मरीज की पूरी देखभाल और मार्गदर्शन सुनिश्चित करते हैं।

विशेषज्ञ की राय

डॉ. पाठक कहते हैं, “गॉल ब्लैडर स्टोन के ऑपरेशन में आधुनिक तकनीक से जोखिम बहुत कम हो गया है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है और सामान्य जीवन में वापस लौटता है। जबलपुर में, हमारे पास इस सर्जरी के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।”

निष्कर्ष

गॉल ब्लैडर स्टोन के ऑपरेशन में देरी जटिलताओं को बढ़ा सकती है। ऑपरेशन के माध्यम से इसे पूरी तरह ठीक करना संभव है। यदि आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो आज ही विशेषज्ञ की सलाह लें।

संपर्क करें

डॉ. दिगंत पाठक से परामर्श के लिए 9880178980 पर कॉल करें या उन्हें ईमेल करें: digantpathak@yahoo.com
जबलपुर के केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर हैं।

About Dr. Digant Pathak

Dr. Digant Pathak

डॉ. दिगंत पाठक, जबलपुर अस्पताल, रसल चौक के लैप्रोस्कोपिक और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं। डॉ दिगंत पाठक को 20 वर्षो से अधिक का सर्जिकल अनुभव है एवं वे 10,000 से अधिक सर्जरी सफलपूर्वक कर चुके है जिस में जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित और गणमान्य नागरिक शामिल हैं। वे शहर के एकमात्र सर्जन हैं जो उच्च स्तरीय लैप्रोस्कोपिक और पारंपरिक ओपन सर्जरी दोनों को सफलतापूर्वक करते हैं।

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